एफएसएसएआई की स्थापना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत की गई है, जिसका उद्देश्य खाद्य वस्तुओं के लिए विज्ञान आधारित मानकों का निर्धारण करना है और उनके विनिर्माण, भण्डारण,संवितरण, बिक्री और आयात का विनियमन करना है तथा मानव खपत के लिए सुरक्षित तथा पौष्टिक खाद्य तथा उससे संबंधित मामलों अथवा प्रासंगिक मामलों के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
मानकों के विकास के लिए, प्राधिकरण द्वारा एक वैज्ञानिक समिति और विषयों के विशिष्ट समूहों से संबंधित 17 वैज्ञानिक पैनलों का गठन किया गया है। इन निकायों में देश के विख्यात वैज्ञानिक सम्मिलित हैं। सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय पद्धतियों के अनुरुप खाद्य विज्ञान, खाद्य खपत पद्धति, नए खाद्य उत्पादों और सहयोज्यों, प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास, खाद्य विश्लेषण की उन्नत पद्धतियों, नई जोखिमों की पहचान, अन्य विनियामक विकल्पों आदि पर विचार करते हुए राष्ट्र हित को ध्यान में रखते हुए ऐसे मानकों का विकास किया जाता है, जिससे वे वैश्विक दृष्टि से बेंचमार्क का रुप लेते हैं।
मानकों का विकास सभी हितधारियों से टिप्पणियां आमंत्रण के जरिए पारदर्शी तरीके से किया जाता है। जनता की टिप्पणियों के लिए वर्तमान में उपलब्ध तथा पूर्वावलोकन के लिए मानकों का मसौदा और विकसित किए जा रहे मानकों की सूची भी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अभी तक, इस प्राधिकरण ने विभिन्न खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानदंडों को सम्मिलित करते हुए छ: विनियमों का विकास किया है। पैकेजिंग और लेबलिंग खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग और लेबलिंग) विनियम, 2011 के अंतर्गत रखा गया है।
व्यापार और विनियामक प्रणाली को सुविधा प्रदान करने के लिए समय-समय पर जारी सभी संबंधित सलाह/निर्देश/आदेश/परिपत्र भी वैबसाइट पर दर्शाए गए हैं।